पासवर्ड क्या होता है – अपने डाटा और पासवर्ड को कैसे पूर्ण सुरक्षित रख सकते हैं।

पासवर्ड वैसे तो बहुत छोटा – सा  शब्द है पर इसकी महत्ता से सभी वाकिफ है। आज के दौर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो पासवर्ड का इस्तेमाल नहीं करता होगा।  आज सभी जगह इसका इस्तेमाल हो रहा है। यह हमरे जिंदगी अभिन्न अंग बन चूका है। डिजिटल दुनिया का बेताज बादशाह कह सकते हैं इसे। इसके बगैर डिजिटल दुनिया किस परिस्थिति में होगा, इस बात की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती है। पासवर्ड डिजिटल दुनिया में सिर्फ जरुरी ही नहीं वल्कि सबसे बड़ा अस्त्र है जो हमें इंटरनेट के इस सार्वजानिक दुनिया में सुरक्षित रखता है। न सिर्फ ये आपको प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश दिलवाता है बल्कि आपके द्वारा प्रतिबंधित निजी जानकारी, आपके फाइल्स व अन्य चीजों को सुरक्षा प्रदान करता है। ऐसे में एक पासवर्ड का सही तरीके से चुनाव और उसका सही उपयोग कितना जरुरी है – ये तो आप समझते ही होंगें। इसका गलत उपयोग या इसके उपयोग में लापरवाही हमें महंगा पर सकता है। एक गलती हज़ारों लोगों को बर्बाद कर चूका है। आये दिन आप साइबर क्राइम के बारे में सुनते रहते हैं। साइबर अपराधी इसे ही चुरा कर या फिर ठग कर या फिर हैक कर आपको चूना लगते हैं और आप मिनटों में अमीर से फ़क़ीर बन जाते हैं। कई बार अपराधी लोग इसे हैक करने के बाद आपकी निजी जिंदगी में झाँक कर आपको ब्लैक मेल भी करते हैं। और ये इतना गंभीर रूप ले लेता है कि जिंदगी जीना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए पासवर्ड के उपयोग में क्या सावधानी बरतनी चाहिए , इसका भी उल्लेख करेंगे।   

पासवर्ड क्या होता है।

पासवर्ड एक गुप्त शब्द है जो आपकी पहचान मुकर्रर करता है। आज के दौर में पासवर्ड जिंदगी का अंग बन चूका है। डिजिटल दुनियां में इसका बहुत महत्त्व है। कंप्यूटर एक्सेस , ईमेल एक्सेस, ऑनलाइन बैंकिंग या फिर इंटरनेट का कोई अकाउंट, सभी के लिए आपको पासवर्ड की जरुरत पड़ती है। ये आपके पर्सनल डाटा को भी सुरक्षा प्रदान करता है। या फिर आप यूँ भी कह सकते हैं कि यह डिजिटल दुनिया का कुंजी है जो दरवाजे पर लगे ताले को खोल कर आपको अंदर जाने कि अनुमति प्रदान करता है। संक्षिप्त में ये आपको सुरक्षा प्रदान करता है और इसकी सुरक्षा करना आपकी एक अहम् जिम्मेवारी है।

पासवर्ड का अविष्कार किसने किया था।

पासवर्ड का अविष्कारअमेरिकी  कंप्यूटर वैज्ञानिक व मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर फर्नांडो कोर्बेटो (Frenando Corbeto) ने किया था। ये 1960 की बात है, जब वे कंप्यूटर टाइम शेयरिंग सिस्टम (CTSS) को लेकर किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे और इस प्रोजेक्ट में विभिन्न स्थानों से कई यूजर एक ही कंप्यूटर को टेलीफोन लाइन की मदद से एक्सेस करते थे। उस समय के कंप्यूटर का प्रोसेसर एक समय में एक ही कार्य कर सकता था। इनके द्वारा विकसित तकनीक CTSS में कंप्यूटर प्रोसेसिंग सिस्टम को अलग – अलग काम में इस्तेमाल के लिए समय का बटवारा करके कंप्यूटर को एक साथ कई काम को कर पाने के लायक बना दिया। उनके इसी खोज के वजह से आज हम पर्सनल कंप्यूटर और कंप्यूटर पासवर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं।

पासवर्ड का हिंदी अर्थ क्या है।

पासवर्ड हिंदी में एक आगत शब्द है और इसलिए इसको पूर्णतया इसी शब्द से इंगित करते हैं। कुछ लोग इसका अनुवाद कूट शब्द लिखते हैं जो की गलत है। सही मायने में कूट शब्द CODE WORD का हिंदी अनुवाद है। आपको पता होगा ही कि CODE WORD का इस्तेमाल प्रायः गुप्त सम्मलेन या फिर प्रतिबंधित जगह पर सम्मिलित होने के वक्त होता है या टेलीफोन पर प्रतिबंधित विचार विमर्श के दौरान होता है। CODE WORD का ज्यादा इस्तेमाल सैनिक या गुप्तचर लोग आपस कि पहचान मुकर्रर करने के लिए करते हैं। जबकि पासवर्ड का इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में होता है- जैसे कि कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल अप्प्स, ईमेल इत्यादि। इसलिए पासवर्ड के अनुवाद के लिए कूट शब्द के प्रयोग न करें। इसे पासवर्ड ही लिखिए। अगर अनुवाद बहुत जरुरी है तो गुप्त शब्द को इस्तेमाल किया जा सकता है।

सही मायने में यह एक जटिल प्रश्न है। इसका उत्तर जानकर लोगों के पास भी नहीं है। इसकी जटिलता के अनुमान आप इससे लगा सकते है कि यह प्रश्न IAS के साक्षात्कार दौरान भी पूछा जा चूका है और मजेदार बात ये है कि ज्यादातर उम्मीदवार इस सवाल के जबाब सही तौर पर नहीं दे पाए।  सोचिये ये प्रश्न  कितना मजेदार और कितना जटिल है। 

पासवर्ड का चुनाव कैसे करें।

हर जगह जहाँ पासवर्ड की जरुरत होती है, पहली बार आपको अपना पासवर्ड खुद चुनना पड़ता है। कुछ जगह पासवर्ड प्रदित भी होते हैं जो कि या तो सिर्फ एक बार इस्तेमाल होता है या फिर अस्थाई होता है जिसे रिसेट कर के स्थाई बनाया जाता है और फिर लम्बे समय तक उपयोग में लाया जाता है।

पासवर्ड पहली बार चुनना हो या फिर रिसेट करना हो दोनों परिस्थिति में आपको कुछ सावधानी बरतने की अत्यंत जरुरत है। वैसे तो कोई भी शब्द एक पासवर्ड हो सकता है बल्कि एक अक्षर भी। पर जरुरत है एक सुरक्षित पासवर्ड की जो जटिल हो , आपको याद भी रह सके और याद रखने में मुश्किल भी हो ताकि अगर गलती से किसी को दिख भी जाये तो तो वो याद नहीं कर सके। पासवर्ड चुनते हुए ये भी ध्यान रखें कि ये आपके किसी भी जानकारी से जुड़ा हुआ न हो, क्योंकि ऐसे पासवर्ड का अनुमान लगाना आसान होता है।

इससे पहले कि एक सही पासवर्ड कैसे चुने, आइये ये जानने कि कोशिश करतें हैं वीक और स्ट्रांग पासवर्ड क्या होता है।

वीक पासवर्ड क्या होता है (what is a week password)

वो पासवर्ड जिसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है – वीक पासवर्ड की श्रेणी में आता है। अनुमानित किया जाने वाले पासवर्ड के साथ साथ वो पासवर्ड भी इसी श्रेणी में आता है जिसको आसानी से क्रैक किया जा सकता है।

प्रायः हम लोग याद रखने के लिए अपना जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, अपने नाम आदि का इतेमाल पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। कई बार अपने परिवार या रिस्तेदारों से सम्बंधित डाटा जैसे की उनका नाम या फिर उनका मोबाइल नंबर या अन्य डाटा का इस्तेमाल कर उसे पासवर्ड बना लेते हैं। ये हम लोगों का कितनी बड़ी भूल है आप इसका अंदाजा नहीं लगा सकते। ये सारी जानकारी सार्वजानिक है और इसलिए इन जानकारियों द्वारा आपके पासवर्ड पता करना आसान है। शातिर लोग आपसे जानकारी इक्क्ठा करके पासवर्ड आसानी से क्रैक कर लेते हैं।

दूसरी गलती है छोटा पासवर्ड। ये भी क्रैक करना आसान है। क्योकि पासवर्ड क्रैकर सॉफ्टवेयर बड़े आसानी से छोटे पासवर्ड को क्रैक कर लेते हैं। उनके अल्गोरिदम में इतना दम तो होता ही है कि वो आसानी से छोटे पासवर्ड को क्रैक कर लेते हैं। पासवर्ड में केवल नंबर का या केवल अक्षरों का इस्तेमाल भी इसी श्रेणी में आता है।   

स्ट्रांग पासवर्ड क्या होता है। (what is a strong password)

स्ट्रांग पासवर्ड जटिल होता है। इसको याद रखना या इसका अनुमान लगाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव होता है। पासवर्ड क्रैकर सॉफ्टवेयर भी प्रायः इसे क्रैक नहीं कर पते है और इसीलिए ये सुरक्षित माना जाता है। सिस्टम जनरेटेड पासवर्ड सबसे स्ट्रांग मन जाता है पर चूँकि ये याद रखना असंभव है इसलिए लोग इसका प्रयोग बहुत कम करते हैं।

ऐसा माना जाता है कि अक्षर और नंबर का मिश्रण एक स्ट्रांग पासवर्ड है, पर ये पूर्णतया सच नहीं है। अगर आप अपने या अपने किसी रिस्तेदार का नाम और जन्म दिन का मिश्रित शब्द बना कर पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल करते हैं तो ये एक कमजोर पासवर्ड की श्रेणी में आएगा। उसी तरह नाम और मोबाइल नंबर का मिश्रित शब्द भी स्ट्रांग पासवर्ड नहीं कहलायेगा।

एक स्ट्रांग पासवर्ड अगर विभिन्न जगहों पर इस्तेमाल कर रहें हैं ( अलग अलग जगहों पर ) तो भी ये एक कमजोर पासवर्ड के श्रेणी में आ जाता है।

सही पासवर्ड कैसे चुने।

सही पासवर्ड का चुनाव मुश्किल नहीं है बस कुछ चीजों का ध्यान रखना होता है और फिर बड़े आसानी से एक स्ट्रांग पासवर्ड का निर्माण कर सकते हैं।

इसके लिए आपको सिर्फ अपने दायरे से अलग सोचना पड़ता है। ऐसा दायरा जो आपके रहन सहन और आपके दैनिक जीवन से परे है। आप ये मान कर चलें कि अगर आपकी कुछ जानकारी दूसरों को पता भी चल जाये या फिर सार्वजानिक भी जाये तो भी उनका अनुमान यहां तक न पहुंचे। और ऐसा करना कठिन नहीं है। सिर्फ अपनी सोच को थोड़ा बदलना है। आप अगर अक्षर और नंबर का चुनाव रैंडम तरीके से करते हैं जिसका आपके जिंदगी, परिवार या आपके सोच से कुछ भी मिलाप नहीं है तो आप समझिये की आपने एक अच्छा पासवर्ड चुना है। विशेष वर्ण का इस्तेमाल भी जरुरी है।

एक स्ट्रांग पासवर्ड के लिए आपको कम-से-कम इन चीजों का ख्याल रखना होगा।

  1. आप रैंडम अक्षर और नंबर चुनें ।
  2. कोशिश करें पासवर्ड लम्बा हो। कम – से – कम 8 अक्षर का तो हो ही।
  3. कुछ विशेष वर्ण (Special Character) का भी इस्तेमाल करें।
  4. शब्दों में कुछ स्माल लेटर और कुछ कैपिटल लेटर का इस्तेमाल करें।
  5. हो सके तो इममोकोन का भी इस्तेमाल करें।

आपके ये लिए स्ट्रांग पासवर्ड को समझना और आसान हो जाये, हम कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

  1. 2B,_@r_n@t_2B – यह 13 लेटर्स का बना हुआ पासवर्ड स्ट्रांग श्रेणी में आएगा। इसे हम आसानी से याद भी रख सकते है क्योकि मैंने इसे विलियम शेक्सपियर के प्रख्यात कथन TO BE, OR NOT TO BE THAT IS THE QUESTION से लिया है।
  2. ky8$prqyo – अगर आपकी याददास्त शक्ति मजबूत है तो इस तरीके से रैंडम लेटर का पासवर्ड भी इस्तेमाल कर सकते है। ये भी स्ट्रांग पासवर्ड की श्रेणी में आएगा।

अब आप समझ गए होंगे कि एक अच्छे पासवर्ड का निर्माण कैसे किया जाता है। और आगे से एक स्ट्रांग पासवर्ड इस्तेमाल करने की कोशिश करें।

OTP क्या है।

आप प्रायः रोज ही OTP का इस्तेमाल करते होंगें। ये हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चूका है। इसलिए आपको बेहतर पता होगा कि इसका इस्तेमाल कहाँ – कहाँ होता है। ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, आपका विभिन्न जगहों पर वेरफिकेशन, इत्यादि कुछ ऐसे उदाहरण हैं जहाँ OTP का इस्तेमाल होता है।

स्ट्रॉन्ग पासवर्ड की शृंखला में OTP का भी नाम है। इसका फुल फॉर्म है – ONE TIME पासवर्ड। जैसा नाम है वैसा ही काम भी। इसे हम सिर्फ एक बार इस्तेमाल कर सकते हैं और वो भी एक सीमित समय के अंदर। इसीलिए इसे स्ट्रांग पासवर्ड के श्रेणी में रखा गया है। ये कुछ नंबरों को मिला कर बनाया हुआ एक नंबर होता है जिसे कंप्यूटर एक खास अल्गोरिदम के तहद हर बार तैयार करता है। OTP यूजर के मोबाइल फ़ोन पर या ईमेल पर भेजा जाता है और इसका उपयोग इंटरनेट पर उपलब्ध सेवाओं, निजी लेन देन और डाटा सुरक्षा के लिए किया जाता है।

OTP के अविष्कारक कौन हैं।

OTP आविस्कृत श्रेणी में नहीं आता है पर इस प्रकार के अल्गोरिदम को बनाने का श्रेय लेस्ली लम्पोर्ट (LESLIE LAMPORT) को दिया जाता है। ONE WAY FUNCTION का इस्तेमाल करके इन्होने OTP का अल्गोरिदम तैयार किया था।
हालाँकि कुछ लोग गिल्बर्ट वर्णम (GILLBERT VERNAM) को इसका अविष्कारक मानते है।
मतलब ये है कि OTP के जनन के मामले में इसके शुरुआत कारक के बारे में एक मत नहीं है। पर इसमें कोई दो राय नहीं कि यह एक बहुत ही उपयोगी शुरुआत है और सबसे ज्यादा सुरक्षित है।

OTP की शुरुआत अमेरिका से हुआ था, और चूँकि ये एक फिक्स्ड पासवर्ड से ज्यादा सुरक्षित पाया गया, जल्द ही पूरे विश्व में प्रचलित हो गया  और आज हर क्षेत्र में ऑथेन्टिकेशन के लिए OTP का इस्तेमाल हो रहा है। OTP फिक्स्ड पासवर्ड से ज्यादा सुरक्षित होता है और इसे हैक कर पाना एक हैकर के लिए लगभग नामुनकिन होता है और यही कारण है की क्यों OTP का उपयोग बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा होता है।

पासवर्ड के इस्तेमाल से जुड़ी आवश्यक सावधानियां

पासवर्ड का इस्तेमाल अगर और सतर्कता पूर्वक की जाये तो एक वीक पासवर्ड भी आपको पूरी सुरक्षा प्रदान करती है और अगर आपने लापरवाही बरती तो एक स्ट्रांग पासवर्ड भी आपको सुरक्षित नहीं रख सकता है। PREVENTION IS BETTER THAN CURE ( इलाज से बेहतर रोकथाम है ) ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी। बस इसी पर अमल करना है। एक पासवर्ड आपकी सुरक्षा तभी कर सकता जब तक आप उसे सुरक्षित रखेंगे।

आइये देखते हैं कि पासवर्ड के उपयोग में कौन कौन सी सावधानी बरतनी है ।

1। हमेशा स्ट्रांग पासवर्ड का ही इस्तेमाल करें।
2। अपने पासवर्ड को कभी भी किसी को नहीं बताएं – चाहे कोई कितना भी सगा कियूँ ना हो। अगर कभी किसी सूरत में ऐसा करना पर गया तो अपना पासवर्ड तुरंत बदल लें। जिस तरह धनुष से निकला बाण पर आपका कण्ट्रोल नहीं रहता उसी तरह आपके द्वारा बतया हुआ पासवर्ड भी सुरक्षित नहीं  रहता।
3। पासवर्ड कभी भी लिख कर न रखें। अगर आप अक्सर अपना पासवर्ड भूल जाते हैं तो उसे रिसेट करना ज्यादा बेहतर है न कि उसे लिख कर रखना। लिखा हुआ पासवर्ड किसी को भी हाथ लग सकता है। लिखा हुआ पासवर्ड एक लीक पासवर्ड के बराबर ही है।
4। एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल कई जगहों पर ना करें। इससे भी पासवर्ड लीक होने का खतरा बढ़ता है।
5। असुरक्षित वेब साइट पर जाने से बचें। इसपर पासवर्ड का इस्तेमाल तो भूल कर भी ना करें। सुरक्षित वेबसाइट का पहचान तो आप जानते ही होंगे, पर अगर नहीं पता है तो आपको बता दूँ कि अगर एड्रेस बार पर वेबसाइट के नाम से पहले एक बंद ताले का आइकॉन आ रहा है तो इसका मतलब है कि ये वेब साइट सुरक्षित है अन्यथा असुरक्षित।
6। बैंकिंग या अन्य अहम पासवर्ड का इस्तेमाल कभी भी पब्लिक या फ्री WI-FI पर ना करें।
7। जहाँ कहीं भी डबल लेयर सिक्योरिटी की सुविधा हो, इसे एनरोल अवश्य करें। ये आपकी सुरक्षा को दुगना कर देता है। डबल लेयर सिक्योरिटी का सबसे अच्छा उदाहरण है – आपका GOOGLE अकाउंट। आप देखते होंगे कि जब भी आप किसी नए डिवाइस से अपना अकाउंट लॉगिन करना चाहते हैं , तुरंत आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर वेरिफिकेशन के लिए मैसेज आ जाता है और इस तरह आपको दुगनी सुरक्षा प्रदान करता है।
8। अपने पासवर्ड को एक टाइम सीमा के बाद बदल लिया करें ।

PIN क्या होता है?

PIN पासवर्ड का एक दूसरा रूप है जो बहुत ही सीमित जगहों पर इस्तेमाल होता है। आप देखते होंगे कि बैंक App में पिन का इस्तेमाल होता है। PIN प्रायः 4 या 6 अंकों का एक नंबर होता है। अब प्रश्न ये उठता है कि अभी तक तो हम स्ट्रांग पासवर्ड की बात कर रहे थे, तो फिर PIN का इस्तेमाल क्यों होता है।

PIN का इस्तेमाल बहुत ही सीमित जगहों पर होता है खास कर सिर्फ तब जब सॉफ्टवेयर या APP का डिवाइस फिक्स्ड होता है। जैसे आप अपने बैंकिंग APP का इस्तेमाल जब मोबाइल फ़ोन पर करते हैं तो PIN से काम चल जाता है पर उसी बैंक के ACCOUNT को अगर वेबसाइट से लॉगिन करते हैं तो PIN से काम नहीं चलता है, आपको पासवर्ड की जरुरत पड़ती ही है।

PIN का फुल फॉर्म है – PERSONAL IDENTIFICATION NUMBER और ये अपने नाम को पूर्णतया चरितार्थ  करता है। PIN के इस्तेमाल से डिवाइस आपकी पहचान करता है और सही पिन होने पर APP स्टोर्ड जानकारी का प्रयोग कर सर्वर से संपर्क करता है और आपको जानकारी उपलब्ध करवाता  है।

पासवर्ड मैनेजर

अभी हमने पासवर्ड से जुड़ी सभी बातों पर गौर किया। अब मुश्किल ये है कि इतने सारे पासवर्ड को याद कैसे रखें। आपको अपना भी पासवर्ड याद रखना है और अपने काम से जुड़े पासवर्ड को भी। और यही कारण है कि ज्यादातर लोग एक ही पासवर्ड को सभी जगह इस्तेमाल करते हैं, जो कि एक बहुत बड़ी गलती है। अगर कहीं एक जगह से भी आपका पासवर्ड लीक हो गया तो आपके सारे अकाउंट खतरे में आ सकते हैं।

हर वेबसाइट पर जाकर अपने पासवर्ड को रिसेट करना एक बहुत ही जटिल  कार्य है। बल्कि यूँ कहें कि असंभव है। इतने सारे पासवर्ड याद भी नहीं रह सकता है। हम इसे लिख कर भी नहीं रख सकते । ऐसे में लोग करे तो क्या करे।

हर मुसीबत का कोई न कोई उपाय होता है। तकनीक ने इसका भी समाधान ढूंढ लिया है। आज इंटरनेट पर इसके कई सारे समाधान उपलब्ध हैं। इसे  पासवर्ड मैनेजर का नाम दिया गया है। आज के दौर में हर एंटी वायरस बनाने वाले पासवर्ड मैनेजर भी उपलब्ध करवा रहें हैं, पर मेरी अनुशंसा इन तीन के लिए है।

GOOGLE PASSWORD MANAGER

गूगल क्रोम ब्राउज़र अब बने बनाये PASSWORD MANAGER के साथ आता है। यह एक बहुत ही उम्दा श्रेणी का स्ट्रांग PASSWORD MANAGER है। इसकी मदद के बाद आपको अपने पासवर्ड याद रखने की जरुरत नहीं है। ये न सिर्फ आपके पासवर्ड को याद रखता है बल्कि उसका ध्यान भी रखता है और जब भी उसे किसी भी तरह का उल्लंघन का एहसास होता है, आपको किसी भी तरह के उल्लंघन का समाधान करने में आपकी मदद भी करता है।

GOOGLE PASSWORD मैनेजर सिर्फ क्रोम ब्राउज़र में ही काम करता है। मतलब अगर आपका पसंदीदा ब्राउज़र क्रोम नहीं है फिर भी आपको आपको यही इस्तेमाल करना पड़ेगा।

1PASSWORD

ये आपके लिए एक दूसरा समाधान है और प्रख्यात पासवर्ड मैनजरों में एक है। आप आसानी से इसका इस्तेमाल करके अपने सारे पासवर्ड इसमें स्टोर कर सकते हैं। यह आपके और आपके पूरे परिवार के लिए लॉगिन प्रक्रिया या क्रेडिट कार्ड पर लेन देन की प्रक्रिया को आसान और बेहद सुरक्षित बनता है। इसके साथ साथ आपसे सम्बंधित जानकारियों को भी इक्कठा रखता है और कोई फॉर्म वगैरह भरते समय प्रक्रिया को बेहद आसान बना देता है।

आइये देखते हैं ये कियूं ज्यादा सुरक्षित है ।

1Password आपके डाटा को ENCRYPTED  फॉर्म में SAVE करता है जिसे DECRYPT करने का मास्टर पासवर्ड सिर्फ आपके पास होता है।
1PASSWORD आपके डाटा को देख भी नहीं सकता है , उसका इस्तेमाल या शेयर की सम्भावना तनिक भी नहीं है।
1PASSWORD आपको कोई भी उल्लंघन या अन्य खतरों से बचा का रखता है।
1PASSWORD डाटा को 256 BITS ENCRYPTION प्रदान करता है जो डाटा को चल अचल दोनों परिस्थिति में सुरक्षित रखता है
आपको PHISING से भी बचा कर रखता है।
1Password सिर्फ वेरिफायड ब्राउज़र में ही डाटा भरता है।
ये क्लिपबोर्ड से SECRETS को हटा देता  है।
KEYLOGGER से भी डाटा को सुरक्षित रखता है।

ऐसी एक लम्बी लिस्ट है जो 1PASSWORD के खूबियों को प्रतिबिंबित करता है। वैसी सभी जानकारियों के लिए और मुफ्त में पाने के लिए आप उनके वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं।

Norton Password Manager

Norton का नाम दुनिया में कौन नहीं जनता है। कंप्यूटर से जुड़ी सारे तरह के सुरक्षा चक्र का जनक Norton है। और ये उम्दा क्वालिटी का सुरक्षा प्रदान करता है। यह खुद ही इतना प्रख्यात है कि इसके बारे में लिखने कि जरुरत ही नहीं है। इसका Password Manager आपको पूरी तस्सल्ली और उम्दा सुरक्षा देगा। आप आँख मूंद कर इसपर विश्वास कर सकते हैं।

उपसंहार

इस रचना के माध्यम से मैंने पासवर्ड से जुडी जानकारियों को आपके पास पहुंचाने की एक छोटी सी कोशिश की है। इस रचना का एक ही मकसद है कि आप डिजिटल दुनिया के इस  दौर में आप सुरक्षित रहें आपका डाटा सुरक्षित रहें। आपको ये रचना जानकारी पूर्ण लगा कि नहीं, कमेंट करके जरूर बताइयेगा। धन्यवाद ।

नमस्कार दोस्तों, मैं  बी के मिश्रा, MINORDIGIT.IN का लेखक और संपादक हूँ। रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर मेरी शैक्षणिक योग्यता  है। मैं एक निजी संस्था के अनुशंधान और विकास विभाग में सर्वोच्च पद पर काम करता हूँ और इसीलिए मुझे नयी तकनीक से सम्बंधित चीज़ों को सीखने और उसे लिखने में मज़ा आता है। कंप्यूटिंग और कोडिंग मेरा शौक है और मैं C#, VB.NET तथा PHP का जानकर हूँ। मेरा आपसे वादा है कि हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। कृपया सहयोग बनाये रखें ।

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